फिर
आज आई है
खुशबू
जैसे हो
अनुभूति
कहीं तेरे
पास होने की
महसूस करता
गर्माहट वो
तुम्हारे कोमल
सानिध्य की
मन का
तार तार
होता झंकृत जैसे
तेरे नयनो से
आते जैसे
मौन सन्देश तेरे
दिल चाहता आज
लिखूं कुछ एसा
पहुंचाए तुम तक
आज आई है
खुशबू
हवाओं में
तेरी जैसे हो
अनुभूति
कहीं तेरे
पास होने की
महसूस करता
गर्माहट वो
तुम्हारे कोमल
सानिध्य की
मन का
तार तार
होता झंकृत जैसे
तुम्हारी छुअन से
तेरे नयनो से
मौन सन्देश तेरे
दिल चाहता आज
लिखूं कुछ एसा
पहुंचाए तुम तक
जो अहसास
मेरे अहसासों का .................
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