चलो कुछ पुराने दोस्तों के
दरवाज़े खटखटाते हैं
देखें हम उन्हें याद हैं या नहीं
ये पता लगाते हैं
देखें कि वो 'तू कैसा है' कह कर
गले लग जाते हैं
या 'आप कैसे हो' कह कर
हमको दूर कर जाते हैं
कभी बैठ साथ जिनके
पार्क के कोने में
आसमान छू आते थे
क्या आज दिल को उनके
हम छू पाते हैं
कभी वक़्त था
जब दोस्तों के लिए
दुनिया से लड़ आते थे
करते थे जो वादे
उन्हें तहे दिल से निभाते थे
पर आज क्यों हम उन्हें
नहीं निभा पाते हैं
सुना है कि पुराने दोस्त
होते हैं पुराने गाँव की तरह
जब मिलो उनसे बरसों बाद
तो होते बहुत कुछ हैं
पहले की ही तरह
पर शायद थोड़ा बदल जाते हैं
गुज़रे दिन बचपन के
बहुत याद आते हैं
चलो एक बार फिर
बैठ छत पर
वही कहानियां दोहराते हैं
दरवाज़े खटखटाते हैं
देखें हम उन्हें याद हैं या नहीं
ये पता लगाते हैं
देखें कि वो 'तू कैसा है' कह कर
गले लग जाते हैं
या 'आप कैसे हो' कह कर
हमको दूर कर जाते हैं
कभी बैठ साथ जिनके
पार्क के कोने में
आसमान छू आते थे
क्या आज दिल को उनके
हम छू पाते हैं
कभी वक़्त था
जब दोस्तों के लिए
दुनिया से लड़ आते थे
करते थे जो वादे
उन्हें तहे दिल से निभाते थे
पर आज क्यों हम उन्हें
नहीं निभा पाते हैं
सुना है कि पुराने दोस्त
होते हैं पुराने गाँव की तरह
जब मिलो उनसे बरसों बाद
तो होते बहुत कुछ हैं
पहले की ही तरह
पर शायद थोड़ा बदल जाते हैं
गुज़रे दिन बचपन के
बहुत याद आते हैं
चलो एक बार फिर
बैठ छत पर
वही कहानियां दोहराते हैं
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