Wednesday, July 1, 2009

आज फ़िर !!

आज फ़िर
थामा है
दिल ने
यादों का दामन
बुझती हुई
लौ को
फ़िर
दहकाया है

आज फ़िर
बीते हुए
लम्हों को
जाते हुए
वक़्त से
चुराया है

आज फ़िर
छोड़ा है
आंसुओं ने
पलकों का दामन
दिल को
फ़िर
भूला हुआ
कोई
याद आया है