Wednesday, April 11, 2018

बस यूँ ही !!


हर दिल टूटा है यहाँ हर दिल ने है चोट खाई
हर दिल में वफ़ा है और है थोड़ी सी बेवफाई........

 

देखती है नज़र जब भी आसमां से परे
दिखते हैं कुछ गुलसिताँ
पर टूटे हैं गुल सारे
रह गए हैं बस खार ही खार ........



Monday, April 9, 2018

खामोशियाँ !!


कितनी ख्वाहिशें रह गयीं 
कितनी हसरतें रह गयीं
दीदार तो हुये तेरे 
पर नज़रें प्यासी रह गयीं
कहना था कितना कुछ 
पर लब खामोश रह गये
कुछ शब्द ना मिले... 
कुछ हम ना कह सके 
दिल चाह  रहा था कि
वक्त थम जाये
पर ना वक्त ने रुकना था 
ना रुका
हम उठ कर चले आये
और
साथ आयीं खामोशियाँ.......

कशिश !!

खींचती है एक कशिश
आज भी तेरी ओर
माना कि पड़ गयी है
सफेदी बालों में
और चेहरे पर
खिंच गयी हैं कुछ लकीरें
पर दमकते हैं
आज भी
आँखों में
तेरी यादों के जुगनू.........