Thursday, May 3, 2012

कसक !!

फिर आज दिल को
तू  याद आया है
फिर आज
तेरी यादों ने
दिल को
बहलाया है

क्या हुआ जो
साथ नहीं तू मेरे
मेरे साथ तेरी
यादों का साया है

हुए आज
कितने बरस
मिले तुझसे
क्या यह
तुझको भी
याद आया है

थे  कभी तुम
साथ मेरे
इस अहसास ने
आज मुझे
फिर महकाया है

करते होगे
तुम कहीं
कभी तो
याद मुझे
इस भरम ने
हमेशा
दिल को
भरमाया है

अहसास
कब होते हैं
हाथ हमारे
ये तो
खुद-ब-खुद
दिल में
बस जाते हैं
कब किससे
कहाँ हो जाये
मोहब्बत
ये भी क्या कोई
समझ पाया है

थे नहीं वो तुम
थी एक म्रगत्रष्णा
इस बात को
हमने
इस दिल को
बहुत समझाया है

ना भूले हैं
तुझको
ना भूल पायेंगे
पता है
मुझको
अब ना कभी
मिल पायेंगे
इस ना मिलने की
कसक ने
बहुत सताया है
मेरे साथ तेरी
यादों का साया है