Monday, January 27, 2014

उदासी !!

उदास हैं
आँखें
और शाम में
कुछ नमी है
हवा है तेज़
पर
साँसें थमी हैं
हूँ मैं तन्हा
और
किसी की कमी है

कोई
जो आये
और पूछे
मुझसे
कि
मुस्कान
कहाँ खोई
और है
वीरानी क्यूँ
इन आँखों में

पर है एक
नाख़तम इंतज़ार
और
बर्फ जमी है
यादों की
सीने में हैं
अरमां सुलगते
और
उदासी है
आँखों में ..................