Tuesday, September 23, 2014

एक प्रश्न !!

सलाहें
दी थीं जो कल 
बुज़ुर्गों ने हमारे
असर उनका
हमारे आज से झांकता है

दुआएं
दी उन्होंने जो सारी
असर उनका
हमारी ज़िन्दगी से झांकता है

था अनुभव उनका
सारी ज़िन्दगी का
उन सलाहों में
था प्यार उनका
सारा
उन दुआओं में

सोचता एक पल
ठिठक कर मैं
क्यों नहीं सुनते
आज हम उनको
क्यों नहीं गुनते
आज हम उनको

था उनके पास जो भी
दिया उन्होंने हमको
लगा दी सारी
ज़िन्दगी अपनी
बनाने में हमको

आज क्यों नहीं है वक़्त
हमारे पास उनके लिए
कल थे जो हमेशा साथ
हर वक़्त हमारे लिए

आज हैं जो हम
उसके पीछे
हैं वो ज़िन्दगी
जो आज शायद
होकर अशक्त
जीवन के
अंत की ओर
निरंतर अग्रसर
जोहती बाट हमारे लिए ..........


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